पीड़ित प्रभात शुक्ला ने बताया की वह अपने चचेरे भाई सूरज शुक्ल के साथ RO रिपेयर करने का काम करता है। पिछले एक नवंबर को प्रभात के मोबाईल पर निखिल नाम के एक व्यक्ति ने फोन किया। निखिल ने कहा कि गौतमपल्ली में कुछ आरओ ख़राब हैं उन्हें जाकर रिपेयर कर दीजिये। फोन पर बात करने के बाद प्रभात अपने चचेरे भाई के साथ गौतमपल्ली पहुंचा। यहां दोनों कर्मचारी बताये गए पते 11 माल एवेन्यू पहुंचे। राज्यमंत्री भूपेंद्र सिंह का है। यहां उनकी पत्नी और घर के अन्य कर्मचारी थे। पीड़ितों ने बताया कि दोपहर 3:00 बजे वह आवास पर पहुंचे और यहां लगे दो आरओ को उन्होंने चेक किया। बाहर के आरओ में फ़िल्टर ख़राब था और अंदर वाले में स्विच फुंका था। इसके बाद प्रभात ने निखिल को फोन करके बताया कि दोनों की रिपेयरिंग में 5-6 हजार रुपये लगेगा। इस पर निखिल ने कहा कि सही कर दो। लेकिन पीड़ितों के पास पैसे मौजूद ना होने के चलते उन्होंने ये समस्या निखिल को बताई, पर राज्यमंत्री की पत्नी से पैसे मांगने की हिम्मत नहीं पड़ी।
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नेटवर्क24 लखनऊ – “जब राज्यमंत्री है सईया तो कैसा कानून मेरे भईया” ये कोई मुहाबरा नहीं अपितु सत्य घटना है , जो राजधानी के गौतमपल्ली थाने मे देखने को मिला । यहां एक सरकारी आवास में रहने वाले राज्य मंत्री की पत्नी ने बिना किसी तहरीर के कम्पनी के RO रिपेयर करने वाले दो कर्मचारियों को गिरफ्तार करवा दिया। पीड़ित दो दिन से भूखे-प्यासे थाने में बैठे हैं, लेकिन सत्ता के भय के चलते पुलिस बेगुनाहों को छोड़ भी नहीं पा रही है। पीड़ितों का परिवार भी सदमे में है, लेकिन पुलिस कुछ नहीं कर पा रही थी। इस संबंध में थाना प्रभारी गौतमपल्ली अंबर सिंह ने बताया कि दोनों युवकों को थाने से छोड़ दिया गया है।
क्या है पूरा मामला ?
आखिर क्यो बौखलाई राज्यमंत्री की पत्नी ?
पीड़ित ने बताया की उनके पास एक फोन आया की मैडम आरओ के बारे मे कुछ जानकारी लेना चाहती है इसलिए उन्होंने ने आप लोगों को बुलाया है। इस बात पर दोनों चचेरे भाई सुबह 9:30 बजे फिर पहुंच गए। कर्मचारी दोनों को लेकर अंदर गया। इस दौरान मंत्री की पत्नी ने कहा कि इसमें आप लोगों ने क्या बदला है दिखाइए। इस पर कर्मचारियों ने आरओ खोले और पुर्जे दिखाए। इस पर एक पुर्जे पर मैन्युफैक्चरिंग डेट 2015 की लिखी थी। इस पर मंत्री की पत्नी ने कहा कि पुराना पुर्जा क्यों डाला। पीड़ित ने समझाया कि मैंम जल्दी में सामान नहीं मिल पाया और रात हो गयी थी। इसमें कोई दिक्कत नहीं होगी, वैसे पुर्जे की गारंटी नहीं होती है लेकिन मैं 6 महीने की गारंटी देता हूं कि ये ख़राब नहीं होगा। मैडम नहीं मानी तो पीड़ितों ने किसी तरह कई जगह ढूंढने के बाद नया सामान लाकर 2017 की डेट का लगा दिया। इसके बाद मैडम ने कहा बाहर जाकर बैठो। लेकिन पीड़ितों को घर नहीं जाने दिया। दो तारीख की देर शाम राज्यमंत्री की पत्नी ने गौतमपल्ली थाने को फोन करके पुलिस बुलाई और कर्मचारियों को बिना एप्लिकेशन के गिरफ्तार करवा दिया।