निखिल बाजपेयी लखनऊ – राजधानी लखनऊ में बेख़ौफ़ अपराधियो ने खूनी तांडव किया। इससे भी बड़ी बात की जाने छिनती गयी लेकिन लखनऊ पुलिस ने चुप्पी साधे रखा। बीते वर्षो व महीनो में तमाम ऐसी वारदाते हुई जिन्होंने लखनऊ पुलिस के इकबाल को चुनौती देते हुए पुलिसिंग को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया। यहां राहों को मंजिल भी दिखी और दीपक की रोशनी भी हुई लेकिन अनसुलझी वारदातों को महज अंधेरा ही नसीब हुआ। कुछ की फ़ाइल बंद हुई तो कुछ अब भी कार्यालय की फाइलों के बीच रद्दी बनकर दबी है। हम आपको रूबरू कराएंगे कुछ ऐसी ही अनसुलझी वारदातों से।
कटे धड़ो से हुई थी सनसनी
बीते वर्ष की वो दिसंबर की रात कोई नही भूल सकता। माड़ियांव इलाके के आईआईएम रोड पर जब दो महिलाओं के कटे धड़ मिले थे। इन धड़ो से 500 मीटर की दूरी पर ही दोनों महिलाओं के कटे पैर भी मिले थे। इस सनसनीखेज वारदात ने न केवल शहर बल्कि पूरे प्रदेश को झकझोर दिया था। घटना के बाद राजधानी की हाईटेक पुलिस ने हाथ पांव तो बहुत मारे लेकिन वो दिन है और आज का दिन कि इस दिल दहला देने वाली वारदात से पुलिस पर्दा नही उठा सकी है।
डकैतो ने कर दी थी सोनार की हत्या
जानकीपुरम इलाके के रसूलपुर कायस्थ गांव के तीन घरों में डकैतो ने जमकर तांडव किया था। तत्कालीन एसपी क्राइम ज्ञान प्रकाश चतुर्वेदी ने घटनास्थल पर जाते ही इस घटना को बावरिया गैंग द्वारा अंजाम देने की बात कही थी लेकिन इन बावरियो को राजधानी की हाईटेक पुलिस पकड़ना तो दूर छू तक नही पाई।
धीरज को चापड़ से मार डाला
माड़ियांव इलाके के आईआईएम रोड पर ही मूलतः हरदोई के अतरौली थाना क्षेत्र के रहने वाले व हसनगंज में रहकर दरोजी का काम करने वाले धीरज की चापड़ से काटकर बेरहमी से हत्या कर उसे आईआईएम रोड के यादव चौराहे के पास फेंक दिया गया लेकिन पुलिस को भनक तक नही लगी। आधी रात जब एक राहगीर ने सूचना दी तो पुलिस के हांथ पाँव फूल गए लेकिन घटना से पर्दा पुलिस अब तक नही उठा पाई। घटना के बाद मृतक का मामा पवन उर्फ विक्की राडार पर आया और एक हद तक हत्यारा भी साबित हुआ, पुलिस ने गिरफ्तारी भी की लेकिन बाद में न जाने किस दबाव में उसे छोड़ दिया और उस हत्याकांड की फ़ाइल पर अब तक पॉलिश लगाने का काम चल रहा है।
राजधानी में हुई ये वारदाते महज उदाहरण इस बात का है कि राजधानी पुलिस किस हद तक लापरवाह है। बाकी हसनगंज के ट्रिपल मर्डर, आशियाना से गायब किशोरी का 12 दिन बाद गोसाइगंजके शव मिलना, आधाड़खेड़ा में हुई डकैती, सतरिख मार्ग चिनहट के एसबीआई में हुई लूट जैसी दर्जनों वारदाते आज भी शहर के सलाहस्वारो से अपने इंसाफ की मांग कर रही है लेकिन सूबे की पुलिस ने चुप्पी साध रखी है।