शाहरुख़ खान अपनी आने वाली फिल्म जीरो के ट्रेलर लॉन्च पर शाहरुख़ ने बताया कि उनके किरदार को रचने के लिए बहुत एडवांस्ड विजुअल इफेक्ट्स का इस्तेमाल किया गया है और इसे बनाने में दो साल का वक्त लगा है.निर्देशक आनंद एल राय की इस फिल्म में कई तरह के विजुअल इफेक्ट्स का इस्तेमाल किया गया है, जिसका काम शाहरुख़ की कंपनी रेड चिलीज़ वीएफएक्स के पास है.
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पहले भी फिल्मों में विजुअल इफेक्ट्स के ज़रिए छोटे को बड़ा और बड़े को छोटा दिखाया जाता रहा है. ‘जानेमन’ फिल्म में अनुपम खेर और ‘अप्पू राजा’ फिल्म में कमल हसन भी बौने शख्स का किरदार निभा चुके हैं.
इसके अलावा कई हॉलिवुड फिल्मों में भी बोने दिखाने वाले इफेक्ट्स का इस्तेमाल किया गया है. इनमें एक से ज्यादा लोगों को बौना दिखाया गया है. ‘फोर्स्ड परस्पेक्टिव’, यह ऐसी तकनीक है जिसमें ‘ऑप्टिकल इल्यूजन’ की मदद से किसी ऑबजेक्ट को छोटा, बड़ा, दूर या पास दिखाया जा सकता है.
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हॉलिवुड की ‘द हॉबिट’ और ‘लॉर्ड ऑफ द रिंग्स’ जैसी फिल्मों में भी इसका इस्तेमाल किया गया है और कई लोगों को असल कद से छोटा दिखाया गया है.लॉर्ड ऑफ द रिंग्स’ में छोटे और बड़े कद के किरदारों को शूट करने के लिए एक खास तरीका अपनाया गया था. इसमें छोटे और बड़े कद वाले व्यक्तियों के सीन को अलग-अलग शूट किया गया और फिर एक साथ मिला दिया गया